उत्तर:- सभी किताबों का इल्म और खुदा की सच्ची इबादत बताने वाले को बाखबर कहते हैं। उसे ही हिन्दु समाज (धर्म) में तत्त्वदर्शी संत, सिख समाज में वाहेगुरू, ईसाई समाज में मसीहा अर्थात् परमेश्वर का जानकार और मुस्लिम समाज में बाखबर कहते हैं। बाखबर ही हमें इस जहान में आकर खुदा कबीर की पूर्ण जानकारी तथा सच्ची इबादत का तरीका बताता है। खुदा कौन है? कैसा है? कहाँ रहता है? ये सब बाखबर ही बताता है। आज वर्तमान समय में बाखबर केवल इस जहांन में संत रामपाल जी महाराज हैं। पवित्र कुरआन मजीद से प्रमाण:-
इसमें खुदा को बाखबर बताया गया है। जब खुदा बाखबर है तो जो बाखबर है, उसे क्या उपमा दी जाए? उसे भी उतना ही सम्मान देने का फर्ज है।
इस आयत में भी खुदा को जानने वाला अर्थात् बाखबर बोला गया है।
इन आयतों में बताया है कि अल्लाह ने छः दिन में सृष्टि रची और सातवें दिन तख्त पर जा विराजा। उसके विषय में किसी बाखबर से पूछने के लिए बोला है।
उपरोक्त आयतों में जिस बाखबर के विषय में कहा गया है, वह बाखबर संत रामपाल जी महाराज ही हैं जिन्होंने वर्तमान समय में एक कादर खुदा कबीर के विषय में बताया और उनकी इबादत करने का सही तरीका बताया है जो हमारी सभी किताबों (तौरेत, जबूर, इंजिल और कुरआन) में प्रमाण है। इनसे पहले किसी भी हिन्दु गुरू या ऋषि ने तथा पैगंबर ने यह नहीं बताया कि कबीर ही वह खुदा है जिसको हमारी कुरआन शरीफ प्रमाणित करती है, चारों वेद प्रमाणित करते हैं। इससे यह साबित होता है कि उस अल्लाह कबीर का भेजा हुआ बाखबर तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं। मुस्लिम धर्म के गुरूओं (मौलानाओं) को पवित्र कुरआन शरीफ का इल्म (ज्ञान) न होने के कारण बाखबर मोहम्मद सल्ल. को समझ लिया जबकि कुरआन शरीफ बोलने वाला खुदा (काल भगवान) खुद मोहम्मद सल्ल. को बता रहे हैं कि जिस खुदा ने आसमान और जमीन और जो कुछ इसके बीच में है, उसको छः दिन में बनाया और सातवें दिन ऊपर तख्त पर जाकर विराजमान हो गया। उसके बारे में खुद कुरआन शरीफ बोलने वाला खुदा भी नहीं जानता कि वो बाखबर कौन है? यदि मोहम्मद सल्ल. ही वो बाखबर होते तो कुरआन शरीफ बोलने वाला खुदा (काल भगवान) बाखबर की जगह मोहम्मद सल्ल. ही नाम बोल सकता था। इससे स्पष्ट होता है कि कुरआन शरीफ बोलने वाले खुदा (काल भगवान) को भी नहीं पता कि बाखबर कौन है? बाखबर वही है जो सच्चे खुदा कबीर की इबादत बताएगा।
सभी मुस्लिम समुदाय से प्रार्थना है कि कृपया करके अपने सच्चे बाखबर, रहनुमा, खुदा का भेजा हुआ वर्तमान में नबी, पैगम्बर (अवतार) जोकि संत रामपाल जी महाराज हैं, आयें और जन्नत में जाने का रास्ता इख्तयार करवाऐं। इसलिए कुरआन मजीद का ज्ञान दाता भी इबादत के योग्य नहीं है क्योंकि वह बाखबर नहीं है। संत रामपाल दास बाखबर हैं। इसलिए उनकी दण्डवत् प्रणाम रूप इबादत करते हैं जो कबीर कादर अल्लाह का आदेश है।
बाखबर के बारे में सम्पूर्ण ज्ञान इसी पुस्तक में पढ़ें ’’सम्पूर्ण अध्यात्म ज्ञान किसने बताया‘‘ नामक अध्याय में।
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